जानिए होली की पौराणिक कथा और किस राज्य में कैसे मनाते है 

रगों का त्यौहार होली हर साल बड़े ही हर्षोल्लाष से मनाया जाता है। यह आपसी सद्भाव और भाईचारे का पर्व है। भारत में होली का त्योहार यंगस्टर्स में ज्यादा प्रचलित है, क्योंकि इस दिन होली के गानों पर एन्जॉय करते है और एक दूसरे को होली की हार्दिक शुभकामनाएं सेंड करते है। भारत में यह पर्व हर राज्य में अलग अलग तरीके से मनाया जाता है। तो चलिए आपको बताते हैं होली कब है, होली की पौराणिक कथा और किस राज्य में होली कैसे मनाई जाती है।  

होली कब है?

साल 2022 में होली 17 व 18 मार्च को सेलिब्रेट की जाएगी। 17 तारीख को होलिका दहन की जाएगी जिसे कई जगह छोटी होली के नाम से भी जाना जाता है। अगले दिन रंगो का त्यौहार होली मनाई जाएगी। बीते कुछ सैलून में होली की लोकप्रियता बहुत बढ़ी है जिसके कारण अब भारत समेत अन्य देशों में भी हर साल होली बड़े धूमधाम और हर्षोल्लाष से सेलिब्रेट की जाती है। 

होली की पौराणिक कथा 

होली की सबसे पौराणिक कथाओं में प्रचलित राजा हिरण्यकश्यप की कहानी है। राजा हिरण्यकश्यप अपने आप में बहुत बलशाली और ताकतवर था। उन्हें दैत्यराज हिरण्यकश्यप के नाम से भी जाना जाता है। दैत्यराज हिरण्यकश्यप को वरदान प्राप्त था की उसकी कभी मृत्यु आकाश,पृथ्वी या किसी अस्त्र, शस्त्र से नहीं मार सकता ना ही कभी दिन में मरेगा न रात में, न घर में न कभी किसी मानव से न पशु से। दैत्यराज हिरण्यकश्यप इसी बात से खुद को अत्यंत बलशाली समझता था। मगर विधि का विधान हमेशा एक जैसा नहीं रहता। दैत्यराज हिरण्यकश्यप का पुत्र भक्त प्रह्लाद भगवान विष्णु का बहुत बड़ा आराधक था। यह बात हिरण्यकश्यप को पसंद नहीं थी। वह चाहता था उनका पुत्र केवल अपने पिता की आराधना करें। जब बार बार कहने पर प्रह्लाद नहीं माना तो हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका को बुलाया और कहा वह प्रह्लाद को अपनी गोद में लेकर अग्नि में बैठ जाएं। होलिका को वरदान प्राप्त था की वह अग्नि में जल नहीं सकती। अपने भाई के कहने पर होलिका ने ठीक वैसे ही किया और प्रह्लाद को अग्नि में लेकर बैठ गयी। मगर भगवान विष्णु की कृपा से अग्नि में होलिका खुद जल गयी और भक्त प्रह्लाद बच गया। तभी से होलिका जलाई जाने लगी और हर वर्ष होली का त्योहार मनाया जाने लगा। 

 जानिए किस राज्य में कैसे मनाते है होली 

भारत की खूबसूरती यहाँ के कल्चर के साथ-साथ पर्व त्योहारों में से भी झलकती है। यही भारत को खूबसूरत बनाता है। भारत में कई जगह रंगों के पर्व होली को दुल्हैंडी, रंगपर्व और होरी के नाम से भी जाना जाता है। तो चलिए आपको बताते हैं किस राज्य में होली कैसे मनाते है। आप भी होली के पर्व को दोगुना मज़ेदार बनाना चाहते हैं तो अपने दोस्तों, रिश्तेदारों परिजनों को होली शायरी शेयर करें और इन राज्यों में जाकर होली मनाएं। 

ब्रज की होली

जब भी होली की बात होती है तो सबसे पहला सभी के मन में मथुरा, वृन्दावन की ब्रज की होली का ख्याल आता है। यह भारत की सबसे मज़ेदार और रोचक होली में से एक है। अगर आप भरते में रहते हैं या कभी घूमने आये तो एक बार यहाँ होली जरूर मनाये। यह आपको लाइफटाइम याद रहेगा। ब्रज की होली विदेशों तक प्रचलित है। ब्रज में मनाई जाने वाली होली को लट्ठमार होली कहा जाता है। इसे लट्ठमार होली इसलिए कहा जाता है क्योंकि यहाँ महिलाएं पुरुषों को लट्ठ यानि लकड़ी के डण्डें से पिटाई करती है और पुरुष अपना बचाव करते है।  इसके अलावा उत्तर प्रदेश की फूलों वाली होली भी बहुत फेमस है। फूलो वाली होली की मान्यता यह हैं की इसमें रंगों का इस्तेमाल नहीं किया जाता केवल फूलों की पत्तियों से होली का त्यौहार मनाया जाता है। 

राजस्थान की होली

राजस्थान का नाम सुनते ही डेसर्ट और रजवाड़ों का ख्याल आता है। मगर यहाँ की शाही होली भी कम नहीं। यहाँ की शाही होली देखने के लिए दूर दूर से लोग आते है। यहाँ होली से तीन चार दिन पहले ही नापको होली का माहौल देखने को मिल जायेगा। आपको राजस्थान के होली फेस्टिवल में ज्यादातर युवा देखने को मिलेंगें क्यों भारत ही नहीं बल्कि विदेशों से भी यहाँ लोग होली एन्जॉय करने आते है। 

मध्यप्रदेश की होली 

उत्तर प्रदेश और राजस्थान के बाद मध्यप्रदेश की होली भी बहुत फेमस है। हालांकि मध्य प्रदेश की होली बाकी दोनों राज्यों से अलग है। मध्य प्रदेश में मनाई जाने वाली होली को भगोरिया के नाम से भी जाना जाता है। मध्य प्रदेश की होली में कई जगह धूमधाम से शोभायात्रा निकाली जाती है। यहाँ होली के पर्व में अच्छी खासी भीड़ देखने को मिलती है। 

होली का पर्व सभी के लिए बहुत खास होता है। इस मौके पर आप भी अपने जानने वालों के साथ होली के पकवानों का मज़ा लें और एक दूसरे को होली की हार्दिक शुभकामनाएं (Holi Wishes in Hindi), होली शायरियां और होली के प्यारे प्यारे मैसेज शेयर करें।